गांधीनगर : मुख्यमंत्री ने वर्षा प्रभावित जिलों के कलेक्टरों-आयुक्तों से की जानकारी

स्टेट इमर्जेंसी ऑपरेशन सेंटर पहुंचकर मुख्यमंत्री ने राहत-बचाव कार्य की समीक्षा की

गांधीनगर : मुख्यमंत्री ने वर्षा प्रभावित जिलों के कलेक्टरों-आयुक्तों से की जानकारी

गांधीनगर, 25 जुलाई (हि.स.)। राज्य में भारी वर्षा से उत्पन्न हुई स्थिति का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल गुरुवार को गांधीनगर स्थित स्टेट इमर्जेंसी ऑपेशन सेंटर (एसईओसी) पहुंचे। यहां पटेल ने भारी वर्षा से प्रभावित सात जिलों के कलेक्टरों तथा वडोदरा व सूरत महानगर पालिकाओं के आयुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बातचीत की और स्थिति की जानकारी प्राप्त की। इस माैके पर मुख्य सचिव राजकुमार एवं वरिष्ठ सचिव रैंक के अधिकारी भी माैजूद थे।

इस दाैरान मुख्यमंत्री ने प्रभावित जिलों के निचले इलाकों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने तथा आश्रय स्थानों में स्वास्थ्य, खाद्यान्न आपूर्ति आदि की सुविधाओं के बारे में जानकारी हासिल की। उन्होंने निर्देश दिया कि जलभराव वाले क्षेत्रों में वर्षा रुकने और पानी उतरते ही तत्काल मिट्टी-कीचड़ की सफाई के कार्य, कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करने के कार्य और धराशाई पेड़ों का मलबा हटाने के कार्य प्राथमिकता के साथ शुरू किए जाएं। पटेल ने कहा कि जिला प्रशासन के अधिकारियों की सतर्कता तथा समन्वय के फलस्वरूप हम व्यापक नुकसान रोक सके हैं। उन्होंने आगामी समय में वर्षा ऋतु के दौरान यदि और अधिक वर्षा हो, तो भी इसी सतर्कता के साथ कार्य रहने के लिए मार्गदर्शन दिया। उन्होंने स्टेट कंट्रोल रूम के साथ निरंतर सम्पर्क में रह कर कम से कम नुकसान हो; ऐसे अग्रिम आयोजन के लिए भी आवश्यक सुझाव दिए।

मुख्यमंत्री ने वर्षा से विद्युत आपूर्ति प्रभावित कई क्षेत्रों में युद्ध स्तर पर मरम्मत कार्य करने व विद्युत आपूर्ति बहाल करने की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने सड़क एवं भवन विभाग को सड़कों-मार्गों को हुए नुकसान की मरम्मत करने, बंद सड़कों पर पुन: यातायात बहाल करने के निर्देश दिया। उन्होंने संबंधित विभागों से कहा कि जरूरत पड़े तो निकटस्थ जिलों से संसाधनों एवं मैनपावर की व्यवस्था करके भी स्थिति को तेजी से पूर्ववत किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में वर्तमान में जो जलाशय, बांध पूरी तरह भर गए हैं या खतरे के निशान पर हैं, उन क्षेत्रों में वर्षा, बांध-जलाशय के ऊपरी क्षेत्र में वर्षा की लगातार मॉनिटरिंग करने और कमांड व कैचमेंट क्षेत्र के लोगों के जान-माल की सुरक्षा की दिशा में कदम उठाए जाएं।

इस बैठक में वर्षा के कारण मानव मृत्यु, पशु मृत्यु, खेतीबाड़ी हानि आदि मामलों में उचित सर्वेक्षण कर सहायता के प्रबंधों पर भी विचार-विमर्श किया गया। एनडीआरएफ व एसडीआरआफ की टीमें राहत-बचाव तथा रेस्क्यू कार्य में स्थानीय प्रशासन की सहायता में तैनात हैं। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में पूरी जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों से वर्षा की आपदा का जीरो कैजुअल्टी अप्रोच के साथ सामना करने तथा मौसम विभाग से समय-समय पर प्राप्त निर्देशों के अनुसार राहत-बचाव के अग्रिम उपाय करने को सजग रहने का अनुरोध किया।