उत्तर प्रदेश : हमीरपुर के त्रिशक्ति मंदिरं में चढ़ावा नहीं होता स्वीकार

यहां पिछले कई दशकों से शुद्ध देशी घी से अखंड ज्योति जल रही है। रविवार को गुरुपूर्णिमा की धूम रहेगी

उत्तर प्रदेश : हमीरपुर के त्रिशक्ति मंदिरं में चढ़ावा नहीं होता स्वीकार

हमीरपुर, 20 जुलाई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के ग्राम इंगोहटा स्थित त्रिशक्ति मंदिर में किसी भी प्रकार का दान और चढ़ावा नहीं लिए जाने की परम्परा आज भी कायम है। इस स्थान पर तीन देवियों के मंदिर हैं साथ ही उत्तर भारत के महान संत स्वामी रोटीराम बाबा की प्रतिमा स्थापित है। यहां पिछले कई दशकों से शुद्ध देशी घी से अखंड ज्योति जल रही है। रविवार को गुरुपूर्णिमा की धूम रहेगी।

हमीरपुर जिला मुख्यालय से करीब 25 किमी दूर सुमेरपुर क्षेत्र के इंगोहटा गांव में मुमुक्ष आश्रम पूरे क्षेत्र के लोगों के लिए आस्था का केन्द्र है। आश्रम में तीन देवियों के मंदिर बने होने के कारण इसे त्रिशक्ति पीठ मंदिर भी कहा जाता है। इसके अलावा अन्य कई मंदिर भी बने हैं। मुमुक्ष आश्रम में उत्तर भारत के महान संत स्वामी रोटीराम महाराज की भव्य प्रतिमा स्थापित होने के कारण यह स्थान आसपास के क्षेत्रों में विख्यात है। यहां पर हर रोज बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ पूजा-अर्चना के लिए उमड़ती है। खास बात तो यह है कि इस पवित्र स्थान पर अनवरत निर्माण कार्य गांव के लोगों की मदद से चल रहा है। आश्रम के संतों ने बताया कि यह स्थान गुरु के होने का अहसास दिलाता है। यहां आकर थोड़ा समय बिताने पर मन को बड़ी ही शांति मिलती है। मंदिर में किसी भी तरह का चढ़ावा चढ़ाने पर रोक है। मंदिरों में बाहरी लोगों का चढ़ावा स्वीकार भी नहीं किया जाता है।

उत्तर भारत के संत स्वामी रोटीराम बाबा की तपोस्थली इंगोहटा में मुमुक्ष आश्रम पीठ के संत सुरेश व आचार्य मिथलेश द्विवेदी ने बताया कि इस पवित्र स्थान पर रोजाना सैकड़ों भक्त दर्शन करने आते हैं। मंदिर में पिछले कई दशक से अनवरत अखण्ड ज्योति जल रही है जिसकी व्यवस्था इंगोहटा गांव के लोग करते हैं। मंदिर में हर रविवार को भजन-कीर्तन का आयोजन होता है। मंदिर में अखण्ड ज्योति की लौ कभी धीमी नहीं हुई। इसे देखने मात्र से ही परेशान मन को शांति मिलती है। हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर, महोबा, जालौन के अलावा आसपास के इलाकों और मध्यप्रदेश से भी बड़ी संख्या में लोग इस स्थान पर आकर माथा टेकते है।

मुमुक्ष आश्रम, उत्तर भारत के चर्चित संत ब्रह्मलीन स्वामी रोटीराम बाबा की तपोस्थली के नाम से जाना जाता है। इंगोहटा और आसपास के इलाकों के लोग स्वामी को बहुत मानते रहे हैं। बड़ी संख्या में लोगों ने रोटीराम बाबा से गुरुदक्षिणा ली थी। गुरुपूर्णिमा पर्व पर उनके भक्त हजारों की संख्या में इस पवित्र स्थान पर आकर माथा टेकेंगे। रविवार को सुबह से देर रात तक मुमुक्ष आश्रम में भक्तों का तांता लगेगा। स्वामी जी की प्रतिमा को विधि विधान से पूजा अर्चना करने के बाद भक्त लोग मंगल अनुष्ठान भी करेंगे। आचार्य द्विवेदी ने बताया कि गुरुपूर्णिमा पर्व बड़े ही अनोखे ढंग से मनाया जाने की परम्परा है। श्रद्धालु त्रिशक्ति पीठ मंदिरों में देवियों की पूजा अर्चना करने के बाद अन्न जल ग्रहण करेंगे। दिनभर कन्या भोज के आयोजन होंगे। यहां देर रात तक भजन कीर्तन का आयोजन भी होगा।