राजकोट : गुजरात में ‘वन महोत्सव’ के 75 वर्ष, मुख्यमंत्री करेंगे 23वें सांस्कृतिक ‘हरसिद्धि वन’ का लोकार्पण

देवभूमि द्वारका के गांधवी गाँव में 26 जुलाई को मनाया जाएगा ‘वन महोत्सव’

राजकोट : गुजरात में ‘वन महोत्सव’ के 75 वर्ष,  मुख्यमंत्री करेंगे 23वें सांस्कृतिक ‘हरसिद्धि वन’ का लोकार्पण

राजकोट, 20 जुलाई (हि.स.)। देवभूमि द्वारका जिले की कल्याणपुर तहसील के गांधवी गाँव स्थित हरसिद्धि माता मंदिर में इस वर्ष ‘75वाँ वन महोत्सव’ मनाया जाएगा। गुजरात में पर्यावरण संरक्षण के लक्ष्य के साथ मनाए जाने वाले ‘वन महोत्सव’ के इस वर्ष 75 वर्ष पूर्ण होने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल आगामी 26 जुलाई को सुबह 11 बजे राज्यस्तरीय वन महोत्सव के उपलक्ष्य में 23वें सांस्कृतिक वन ‘हरसिद्धि वन’ का लोकार्पण करेंगे।

कन्हैयालाल मुंशी ने 75 साल पहले शुरू किया था वन महोत्सव

जब पर्यावरणीय समस्याओं के प्रति कोई विशेष जागृति नहीं थी, उस समय गुजरात के महान सपूत एवं दीर्घदृष्टा दिवंगत कन्हैयालाल मुंशी ने आज से 75 वर्ष पहले राज्य में पहली बार वन महोत्सव मनाने की शुरुआत की थी। तब से वन महोत्सव मनाने की परंपरा आज तक जारी है।

ग्रह, नक्षत्र, राशि एवं संस्कृति आधारित सांस्कृतिक वन

देश की विभिन्न संस्कृतियों को ध्यान में रखते हुए किए जाने वाले पौधों के रोपण को सामान्यत: ‘सांस्कृतिक वन’ के रूप में जाना जाता है। वर्ष 2004 में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं देश के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य में सांस्कृतिक वन निर्माण की शुरुआत की थी।

नए हरसिद्धि वन की विशेषताएँ

राज्य में सांस्कृतिक पर्यटन को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से गुजरात के द्वारका-सोमनाथ सांस्कृतिक कॉरिडोर के मध्य में तथा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 51 के मुख्य मार्ग से केवल 2 किलोमीटर दूर स्थित होने के कारण नया ‘हरसिद्धि वन’ वन एवं पर्यावरण प्रेमियों को विशेष रूप से आकर्षित करेगा। कोयला डुंगर (पहाड़ी) के पीछे स्थित इस नूतन ‘हरसिद्धि वन’ में विभिन्न प्रजातियों के अनुमानित 41 हजार 619 पौधे लगाए गए हैं।

‘सौराष्ट्र की सुगंध’ थीम करेगा आकर्षित

राज्य के 23वें सांस्कृतिक वन ‘हरसिद्धि वन’ में सौराष्ट्र की विविधतापूर्ण संस्कृति की झलक प्रस्तुत करने वाली ‘सौराष्ट्र की सुगंध’ थीम के साथ नए दृष्टिकोण के साथ पर्यटकों को अनेक आकर्षण देखने को मिलेंगे। इनमें मुख्य द्वार, प्रवेश परिसर, हरसिद्धि माताजी सांस्कृतिक वाटिका, सेरेमोनियल गार्डन, श्री कृष्ण उपवन, श्री कृष्ण कमल वाटिका आदि सांस्कृतिक आकर्षणों का निर्माण किया गया है। इसके अतिरिक्त; इस सांस्कृतिक वन में मुख्य वन के रूप में स्वागत वाटिका, आयुष वन, वन कवच, वाइल्ड लाइफ जोन, ताड़ वाटिका, पवित्र उपवन, स्टोन मेज गार्डन, स्टोन थेरेपी वॉक वे, गुग्गल वन, कैक्टस वाटिका आदि जैसे वनों का निर्माण किया गया है।

विभिन्न प्रजातियों के अनुमानित 41 हजार 619 पौधे

‘हरसिद्धि वन’ में विभिन्न प्रजातियों के अनुमानित 41 हजार 619 पौधे लगाए गए हैं। इनमें स्थानीय प्रजातियों के पेड़, बरगद, पीपल, प्रागवट आदि शामिल हैं। समुद्र तट के अनुरूप पीलू, नारियल, बादाम, अरणी आदि पेड़ भी लगाए गए हैं। गुग्गल वन तथा कैक्टस वाटिका आदि में उनके नाम के अनुरूप प्रजातियों के साथ अन्य प्रकार के सुशोभन पौधे भी लगाए गए हैं। इसके अतिरिक्त; उत्सव स्थल के रूप में पर्यटकों को आकर्षित करने के संदर्भ में इस सांस्कृतिक वन में बाल वाटिका, सेल्फी प्वाइंट गार्डन, बीच थीम सिटिंग एरिया, मेडिटेशन गजेबो, गजेबो, सनसेट पॉइंट आदि भी तैयार किए गए हैं।