श्रीनगर : छड़ी मुबारक से जुड़े कार्यक्रम 21 जुलाई को पहलगाम में किए जाएंगे : महंत दीपेंद्र गिरि

सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार छड़ी मुबारक स्वामी अमरनाथ जी की वार्षिक तीर्थयात्रा के पारंपरिक शुभारंभ से जुड़े भूमि-पूजन, नवग्रह पूजन

श्रीनगर : छड़ी मुबारक से जुड़े कार्यक्रम 21 जुलाई को पहलगाम में किए जाएंगे : महंत दीपेंद्र गिरि

महंत दीपेंद्र गिरि महंत छड़ी मुबारक स्वामी अमरनाथ जी ने सोमवार को घोषणा की है कि सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार छड़ी मुबारक स्वामी अमरनाथ जी की वार्षिक तीर्थयात्रा के पारंपरिक शुभारंभ से जुड़े भूमि-पूजन, नवग्रह पूजन और ध्वजारोहण जैसे अनुष्ठान इस वर्ष 21 जुलाई को पड़ने वाली आषाढ़-पूर्णिमा (व्यास-पूर्णिमा) के शुभ अवसर पर पहलगाम में किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि छड़ी मुबारक को 4 अगस्त को ऐतिहासिक शंकराचार्य मंदिर और 5 अगस्त को शारिका भवानी मंदिर ले जाया जाएगा। उसके बाद 7 अगस्त को श्री अमरेश्वर मंदिर दशनामी अखाड़ा श्रीनगर में छड़ी स्थापना के लिए अनुष्ठान किए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि 9 अगस्त को ‘नाग-पंचमी’ के अवसर पर दशनामी अखाड़ा श्रीनगर में छड़ी पूजन करने के बाद महंत दीपेंद्र गिरि जी पवित्र छड़ी को स्वामी अमरनाथ जी के पवित्र तीर्थ पर ले जाएंगे और पूजन करेंगे। 14 और 15 अगस्त को पहलगाम, 16 अगस्त को चंदनवाड़ी, 17 अगस्त को शेषनाग और 18 अगस्त को पंचतरणी में रात्रि विश्राम के बाद 19 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के पावन अवसर पर दर्शन होंगे।

सरकार को भेजे गए पत्र में महंत दीपेंद्र गिरि जी ने सदियों पुरानी परंपराओं को बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं करने और तय कार्यक्रम के अनुसार छड़ी मुबारक की आवाजाही सुनिश्चित करने तथा पवित्र छड़ी के साथ आने वाले साधुओं और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए सभी उचित निवारक उपाय करने का आग्रह किया है। महंत दीपेंद्र गिरि जी ने छड़ी मुबारक में शामिल होने के इच्छुक साधुओं और नागरिक समाज के सदस्यों को पंजीकरण कराने की सलाह दी है और कहा है कि केवल वैध यात्रा परमिट वाले पंजीकृत साधुओं/तीर्थयात्रियों को ही तीर्थयात्रा के दौरान छड़ी मुबारक के साथ जाने की अनुमति दी जाएगी।

उन्होंने बताया कि महादेव गिर दशनामी अखाड़ा ट्रस्ट ने स्वामी अमरनाथ जी की वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए देश भर से आने वाले साधुओं के लिए अखाड़ा भवन, बुद्धशाह चौक, श्रीनगर में उनके भोजन और आरामदायक रहने की सभी व्यवस्थाएं पिछले वर्षों की तरह की हैं।