अनूपपुर: दो दलों के समीकरण का खेल बिगाड़ सकती हैं बसपा और गोंगपा
समूचे संसदीय क्षेत्र में चुनावी बिगुल बज चुका हैं
राजेश शुक्ला
अनूपपुर, 2 अप्रैल (हि.स.)। अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित शहडोल संसदीय क्षेत्र में दस प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, जिसमें आठ एक ही जिले अनूपपुर से हैं। भाजपा- कांग्रेस का समीकरण बिगाड़ने के लिए बसपा और गोंगपा ने प्रत्याशी उतारे हैं। इनके अलावा पीपुल्स पार्टी आफ इंडिया, विकास गंगा राष्ट्रीय पार्टी, भारतीय शक्ति चेतना पार्टी, कम्युनिष्ट पार्टी आफ इंडिया के प्रत्याशी भी मैदान में हैं। दो निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। परंतु मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही है। वहीं माना जा रहा हैं बसपा-गोंगपा सबसे अधिक कांग्रेस को नुकसान हो सकता हैं।
समूचे संसदीय क्षेत्र में चुनावी बिगुल बज चुका हैं कांग्रेस- भाजपा मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए घर-घर सम्पर्क कर रहें हैं। भाजपा का चुनाव प्रचार जोर पकड़ रहा है, जबकि कांग्रेस नेता स्टार प्रचारक की प्रतीक्षा कर रहे हैं। भाजपा किसी भी हाल में शहडोल सीट हाथ से नहीं जाने देना चाहेगी। वहीं कांग्रेस वापसी करने की कोशिश में है। एक ही क्षेत्र से आठ प्रत्याशी होने से चुनाव रोचक हो गया है। खासकर भाजपा-कांग्रेस को अपने वोट बैंक को सुरक्षित करने की चुनौती होगी। आठ उम्मीदवार पार्टी सिंबल से हैं, जिसमें बसपा व गोंगपा भी है जो दोनों के वोट बैंक पर सेंध लगाती रही है। हालांकि मोदी मैजिक के सामने भाजपा पर इनका प्रभाव कम हुआ है, लेकिन कांग्रेस पर अभी भी खतरा है। शहडोल लोकसभा सीट में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही है।
भाजपा ने यहां से मौजूदा सांसद हिमाद्री सिंह को दूसरी बार मौका देते हुए चुनावी मैदान में उतारा तो कांग्रेस ने पुष्पराजगढ़ विधानसभा से तीसरी बार के विधायक फुंदेलाल सिंह को दिल्ली भेजने की तैयारी की है। बसपा ने अनूपपुर जिले के मेडियारास निवासी धनीराम कोल को टिकट दिया है तो गोंगपा ने अनूपपुर जिले के बेनीबारी निवासी अनिल सिंह धुर्वे को उम्मीदवार बनाया है। सबसे ज्यादा उम्मीदवार अनूपपुर जिले के हैं, जबकि एक-एक प्रत्याशी शहडोल और उमरिया जिले के हैं। शहडोल लोकसभा का चुनाव पहले चरण में होगा। इस कारण उम्मीदवारों के पास चुनाव प्रचार के लिए समय कम ही बचा है।
नहीं दिख रही चुनाव प्रचार में तेजी
शहडोल लोकसभा की आठ विधानसभा सीटो में अभी तक कहींं भी बहुत अधिकशोरगुल, बैनर, पोस्टर का प्रचार नहीं दिख रहा है। भाजपा के स्टार प्रचारकों का दौरा होने लगा है। उमरिया में मुख्यमंत्री का दौरा हो चुका है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई अन्य दिग्गजों का यहां आना जारी है । जबकि कांग्रेस अभी तय नहीं कर पाई कि किसकी सभा कराई जायें।
अन्य दलों के उम्मीदवार भी अपने नेताओं के साथ मतदाताओं के पास जा रहे हैं। कांग्रेस को अपने उम्मीदवार फुंदेलाल सिंह मार्को पर पूरा भरोसा है कि मोदी मैजिक के सहारे फतह करने वाली भाजपा उम्मीदवार हिमांद्री सिंह को कड़ी चुनौती देंगे। वहीं भाजपा मोदी कश्ती में सवार यह मानकर चल रही है कि इस बार मतदाता उम्मीदवार को नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनेंगे, इसलिए बहुत चिंता करने की जरूरत नहीं है।
इन सभी के बीच हो रहा है चुनावी मुकाबला
इस बार लोकसभा में जो प्रत्याशी मैदान में हैं, उनमें हिमाद्री सिंह भाजपा, फुंदेलाल सिंह माकों कांग्रेस, धनीराम कोल बसपा, अनिल सिंह धुर्वे गोंगपा, अमृतलाल सिंह उइके पीपल्स पार्टी आफ इंडिया, डॉण् दुर्गावती भरिया छत्तीसगढ़ विकास गंगा राष्ट्रीय पार्टी, रविकरण सिंह धुर्वे भारतीय शक्ति चेतना पार्टी, रविकरण सिंह धुर्वे भारतीय शक्ति चेतना पार्टी, समर शाह सिंह गोंड कम्युनिष्ट पार्टी आफ इंडिया, केशकली बैगा और गुंजान सिंह निर्दलीय शामिल हैं।