सूरत: कोयला नकद में खरीदा गया था, इनकम टैक्स की छापेमारी दूसरे दिन भी जारी

एस.एन. ट्रेडलिंक, तरनजोत कोल और आदर्श कोल सहित 12 ठिकानों पर छापेमारी, करोड़ों का लेनदेन संदेह के घेरे में

सूरत: कोयला नकद में खरीदा गया था, इनकम टैक्स की छापेमारी दूसरे दिन भी जारी

गुजरात में लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद आयकर विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 12 ठिकानों पर छापेमारी की है। गुरुवार सुबह से कड़ोदरा में ऐश्वर्या डाइंग मिल और डुमस रोड पर कार्यालयों वाले 3 प्रमुख कोयला आयातकों सहित 12 परिसरों पर छापेमारी की गई। इन सभी पर करोड़ों रुपये के लेनदेन का संदेह है।

छापेमारी का कारण

आयकर विभाग को कुछ समय पहले मारे गए छापे में कोयले की खरीद-बिक्री का ब्योरा मिला था। इस बात के सबूत मिले कि ज्यादातर कोयला नकद में खरीदा गया था। उसी आधार पर डीआई विंग ने ब्योरा जुटाना शुरू किया।

कौन-कौन से ठिकानों पर छापेमारी हुई?

सूरत जिले के वरेली स्थित ऐश्वर्या डाइंग मिल के अलावा प्रमुख कोयला व्यापारी एस.एन. ट्रेडलिंक, तरनजोत कोल और आदर्श कोल में डीआई विंग के अधिकारियों द्वारा जांच जारी है। इन संस्थानों से कोयला खरीदने और बेचने वाले लोगों की भी जांच की जा रही है।

क्या है आरोप?

आरोप है कि आयातित कोयला नकद में बेचा गया और लागत अधिक दिखायी गयी। शहर में लगभग 400 रंगाई मिलें हैं और उनमें से अधिकांश कोयला आधारित हैं। झारखंड समेत कई राज्यों से कोयला आने के अलावा ज्यादातर कोयला इंडोनेशिया समेत कई देशों से आता है। जिन कोयला आयातकों को निशाना बनाया गया है वे सभी ऐश्वर्या ड्राईंग मिल को कोयला बेच रहे थे।

क्या है जांच का दायरा?

कोयला व्यापार में, देश के विभिन्न हिस्सों और विदेशों से कोयला खरीदा जाता है और सूरत की विभिन्न मिलों को आपूर्ति की जाती है। विदेश से जो भी कोयला आता है उसका बिल व्यापारियों द्वारा दिया जाता है। जबकि देश से खरीदे गए कोयले का नकद में लेनदेन का ब्यौरा दिया जा रहा है।

क्या है आगे की रणनीति?

आयकर विभाग की टीम ने जरूरी कागजात अपने कब्जे में लेने के साथ ही जांच जारी रखा है। फिलहाल यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या वाकई में कोयला नकद में खरीदा गया था और लागत अधिक दिखायी गयी थी। यदि आरोप सही साबित होते हैं तो इन व्यापारियों पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।

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