कपड़ा कारोबारी सूरत के 14 विवरों को 1.40 करोड़ का चूना लगाकर रफुचक्कर हो गया!

कपड़ा कारोबारी सूरत के 14 विवरों को 1.40 करोड़ का चूना लगाकर रफुचक्कर हो गया!

आजकल सूरत के कपड़ा बाजार में अनियमित बकाया वसूली की समस्या विकराल रुप धारण करती जा रही है। व्यापारियों की प्रतिनिधि संस्थाएं भी अपने सदस्यों की बकाया वसूली में मदद करने और इस दूषण के निवारण के लिये हर संभव प्रयास कर रही हैं। लेकिन शायद एक भी ऐसा दिन नहीं गुजरता जब बकाया वसूली को लेकर कारोबारियों को हुए नुकसान की कोई खबर न आए।

ऐसी  ही एक घटना सूरत के 14 विवरों के साथ हुई है। दरअसल, मूलरुप से गुजरात के भावनगर के रहने वाले और सूरत में स्थायी 40 वर्षीय परेश धानानी के साथ धोखाधड़ी हुई है। परेश का कपड़े के उत्पादन का व्यवसाय है और उनका गणेश टेक्सटाइल्स के नाम से लुम्स का कारखाना है। विगत दिनों उनकी मुलाकात ब्रोकर रामसिंग सोनी से हुई और रामसिंग ने पांडेसरा जीआईडीसी में कपड़े का ही कारोबार करने वाले समीर सचदेवा से उनका संपर्क कराया। समीर का मुंबई के कोलाबा कार्यालय बताया गया जहां वे भाइयों गौतम और आशिष के साथ स्वरा ग्लोबल के बैनर तले व्यवसाय करते हैं।

रिपोर्ट के अनुसार परेशभाई से मुलाकात के बाद समीर ने उनसे व्यापार करना शुरु किया और लगभग 1.04 करोड़ का ग्रे कपड़ा खरीदा। समीर ने इस सौदे के एवज में लगभग 71 लाख का भुगतान परेश को कर दिया, लेकिन बाकी 33 लाख रुपयों के भुगतान में टाममटोल करने लगे। इस दौरान परेश को पता चला कि शहर के अन्य 13 विवरों से भी समीर ने ग्रे कपड़ा खरीदा है और उनका भी 1.07 करोड़ रुपया समीर ने नहीं चुकाया है। इस प्रकार सूरत के विवरों का लगभग 1.40 करोड़ रुपया समीर के पास बकाया है। 

इस संबंध में परेश ने स्थानीय क्राइम ब्रांच में समीर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। इस मामले की जांच इको सेल के सुपुर्द कर दी गई है। पीएसआई वाय जी गीरनार इस मामले को देख रहे हैं।

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