बकाया भुगतान की वसूली को लेकर सख्ती के मुड़ में हैं सूरत के कपड़ा संगठन

आढ़तिया एसोसियेशन ने जहां यूपी के व्यापारी के साथ कारोबार पर रोक की अपील की, वहीं फोगवा 30-35 दिनों में बकाया वसूली पर अड़ी

बकाया भुगतान की वसूली को लेकर सख्ती के मुड़ में हैं सूरत के कपड़ा संगठन

सूरत के कारोबार की धुरी माने जाने वाले कपड़ा उद्योग में विगत कुछ महीनों से मंदी का माहौल है। वहीं उद्योग जगह के विभिन्न हलकों में भुगतान संबंधी अनियमितता भी महसूस की जा रही है जिसके कारण आर्थिक तरलता प्रभावित हो रही है। इसी के मद्देनजर उद्योग के विभिन्न घटक संगठन भुगतान वसूली को लेकर सख्त रूख अपना रहे हैं। 

एक ओर अग्रणी विविंग संगठन फेडरेशन ऑफ गुजरात विवर्स वेलफेर एसोसिसेशन (फोगवा) ने अपने सदस्यों से अपील की है कि वे पुराने 30-35 दिनों में बकाया वसूली के नियम पर ही व्यापार करें। इस संबंध में फोगवा प्रमुख अशोक जीरावाला ने मीडिया को बताया है कि सूरत में 40 हजार से अधिक विवर हैं। कपड़ा उद्योग के वर्तमान हालात को देखते हुए 30-35 दिनों में भुगतान पर कारोबार करना तंदुरस्त व्यापार के लिये अनिवार्य है। वैसे तो एमएसएमई के नियम के अनुसार व्यापारियों को 15 दिनों में भुगतान करना होता है लेकिन मार्केट की प्रतिकुल स्थिति के कारण विवर्स द्वारा इस नियम को नजरअंदाज किया जा रहा है। दूसरी ओर कुछ व्यापारी 45 दिनों में भुगतान की बात करते हैं। ऐसे में भुगतान की साइकल बनी रहे इसके लिये फोगवा ने अपने सदस्यों से एकता बनाए रखने की अपील की है।

दूसरी ओर आढ़तिया कपड़ा एसोसियेशन, सूरत भी अपने सदस्यों के विलंबित भ़ुगतान की वसूली के लिये सक्रिय है। एसोसियेशन के अध्यक्ष प्रहलाद अग्रवाल ने मीडिया को बताया है कि विलंब से भुगतान करने  वाले कारोबारियों को संगठन की ओर से संपर्क करके भुगतान नियमित करने के लिये समजाइश की जा रही है। उत्तरप्रदेश के एक ऐसे ही कारोबारी द्वारा तीन-चार वर्षों से भुगतान करने में आनाकानी करने पर संगठन ने उनके साथ कारोबार करने पर प्रतिबंध लगा दिया है और इस संबंध में सोशल मीडिया में जानकारी साझा की गई है। सूरत के कपड़ा व्यापारियों के अलावा गोरखपुर और कानपुर की मंडियों के वॉट्सएप ग्रुप में भी इस संबंध में संदेश वायरल किये गये हैं। अग्रवाल ने बताया कि ये कारोबारी सूरत के लगभग 10 व्यापारियों का भुगतान तीन-चार सालों से नहीं कर रहा। उसके साथ संपर्क करने पर वह सहयोग करने के बजाय युपी पुलिस में शिकायत करके संगठन पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहा है। जब तक उक्त व्यापारी सूरत के कारोबारियों का बकाया चुका नहीं देता तब तक उसके साथ नया व्यापार नहीं करने की अपील जारी की गई है।