सूरत की धरती पर भव्य स्वामीनारायण अक्षरधाम का निर्माण जल्द पुर्ण होगा

सूरत के पास कणाद गांव में 2021 में हुआ था मंदिर का शिलान्यास, स्तंभ रोपण के साथ जल्ह ही निर्माण कार्य पुर्ण किया जायेगा

सूरत की धरती पर भव्य स्वामीनारायण अक्षरधाम का निर्माण जल्द पुर्ण होगा

 सूरत शहर अपनी कई विशेषताओं के कारण भारत के मानचित्र पर प्रमुखता प्राप्त कर रहा है। इसमें एक विश्व स्तरीय मील का पत्थर जोड़ा जा रहा है - स्वामीनारायण अक्षरधाम। गुजरात की राजधानी गांधीनगर, भारत की राजधानी दिल्ली और अमेरिकी धरती पर न्यू जर्सी में भारतीय संस्कृति का अंतर्राष्ट्रीय प्रतीक स्वामीनारायण अक्षरधाम के निर्माण के बाद अब भव्य स्वामीनारायण अक्षरधाम का निर्माण सूरत की धरती पर किया जा रहा है।

बीएपीएस की विश्वव्यापी कीर्तिमान

इस स्वामीनारायण अक्षरधाम को बनाने वाले बीएपीएस. स्वामीनारायण संस्था ने हिंदू मंदिरों के निर्माण में विश्वव्यापी कीर्तिमान स्थापित किया है। महान संत ब्रह्मस्वरूप प्रमुखस्वामी महाराज की प्रेरणा और अदम्य साहस से बीएपीएस ने दुनिया के कई देशों में 1600 से अधिक हिंदू मंदिरों का निर्माण किया है। स्वामीनारायण संस्था ने सनातन हिंदू धर्म और भारतीय संस्कृति की एक अनूठी लहर फैलाई है। वर्तमान में बी.ए.पी.एस स्वामीनारायण संस्था के प्रमुख परम पूज्य प्रकट ब्रह्मस्वरूप महंत स्वामी महाराज उसी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात की अरब भूमि पर अबू धाबी में भव्य बीएपीएस हिंदू मंदिर बनवाकर उन्होंने एक और किर्तिमान कर दिखाया है।

सूरत अक्षरधाम की विशेषताएं

  • राजस्थान के गुलाबी पत्थर से बनी कलात्मक मूर्तियों और नक्काशी
  • सनातन हिंदू धर्म की महान परंपरा का दर्शन
  • उपनिषद, रामायण, महाभारत, भागवत के घटना-दृश्यों से प्रेरित मूर्तियां
  • आधुनिक तकनीक से सुसज्जित स्थायी प्रदर्शनियां
  • सांस्कृतिक विरासत और प्रेरक प्रस्तुति
  • आधुनिक पीढ़ी को प्रेरणा देने वाले भव्य हॉल और विभिन्न गतिविधियां

दक्षिण गुजरात में एक विश्व स्तरीय दृश्य

दक्षिण गुजरात में यह स्वामीनारायण अक्षरधाम एक विश्व स्तरीय दृश्य होगा, जो भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म का एक अनूठा प्रतिनिधित्व होगा। इस मंदिर का शिलान्यास 2021 में किया गया था। निर्माण कार्य जल्द पुरा करने के लिए स्वंयसेवक एवं श्रमिक कड़ी महेनत कर रहे है। 

सूरत में स्वामीनारायण अक्षरधाम का निर्माण शहर के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह न केवल धार्मिक महत्व का केंद्र होगा, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा देगा और शहर की सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करेगा। 

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