सूरत : चैंबर द्वारा विश्व स्तरीय बिजनेस कोच लेखक और प्रेरक वक्ता डॉ. उज्जवल पटनी के साथ इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किया 

सूरत की अर्थव्यवस्था 2047 तक 350 अरब डॉलर (मुंबई के बराबर) तक पहुंचने का अनुमान: चैंबर अध्यक्ष रमेश वघासिया

सूरत : चैंबर द्वारा विश्व स्तरीय बिजनेस कोच लेखक और प्रेरक वक्ता डॉ. उज्जवल पटनी के साथ इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किया 

बिजनेस को सफलता के शिखर पर ले जाना है तो दूसरों को दोष देने के बजाय खुद में सुधार करें: डॉ. उज्जवल पटनी

दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने शनिवार को प्लैटिनम हॉल, सरसाना, सूरत में विश्व स्तरीय बिजनेस कोच, लेखक और प्रेरक वक्ता डॉ. उज्जवल पटनी के साथ एक इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किया गया, जिसमें डॉ. उज्जवल पाटनी ने सूरत के उद्यमियों को कारोबार में 10 गुना (दस गुना) वृद्धि के महत्वपूर्ण कारकों के बारे में विस्तार से बताया।

चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष रमेश वघासिया ने कहा, ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ष 2017 तक भारत को पांच ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखते हुए, उन्होंने भारतीय उद्यमियों से 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात करने की पेशकश की। जिसके अनुसरण में, दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा एसजीसीसीआई ग्लोबल कनेक्ट मिशन 84 विजन शुरू किया गया है। जिसके तहत सूरत समेत दक्षिण गुजरात और भारत से 84,000 करोड़ रुपये के निर्यात का संकल्प लिया गया है और उस दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं।

उन्होंने सूरत की अर्थव्यवस्था के बारे में कहा कि वर्तमान में सूरत की अर्थव्यवस्था 70 बिलियन अमेरिकी डॉलर है, जिसके वर्ष 2047 तक 350 बिलियन अमेरिकी डॉलर (मुंबई के बराबर) तक पहुंचने का अनुमान है। उन्होंने कहा, जबकि गुजरात की अर्थव्यवस्था 2030 तक 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर और भारत की अर्थव्यवस्था 2047 तक 30 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है।

डॉ. उज्ज्वल पटनी ने कहा, 'आज मैं खुद एक गेम चेंजर शहर में मौजूद हूं। सूरत आपदा को अवसर में बदलने वाला शहर है और आपदा के बाद सूरत और भी खूबसूरत हो जाता है। सूरत सबसे अधिक विकासशील शहर है लेकिन अब शहर को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का दर्जा मिलने से बंदरगाह, जमीन और सरकार के सहयोग से यह 100X की गति से विकसित होगा।'

उद्यमियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'आपके व्यवसाय में सबसे क्रिटीकल और महत्वपूर्ण व्यक्ति आप स्वयं हैं, क्योंकि व्यवसाय आप से ही हैं। इसलिए अगर आप बिजनेस को सफलता के शिखर पर ले जाना चाहते हैं तो दूसरों को दोष देने के बजाय खुद में सुधार करें। क्योंकि टंकी में कूड़ा होगा तो सोने के नल का पानी भी गंदा होगा। आप अगले पांच वर्षों में अपने व्यवसाय को किस स्तर पर देखना चाहते हैं? उसके लिए एक उपयुक्त विजन तैयार करें। उन्होंने सुझाव दिया कि आप हमेशा एक लिखित दस्तावेज (डायरी) रखें ताकि आपकी मृत्यु के बाद परिवार और व्यवसाय को कोई खतरा न हो।'

उन्होंने आगे कहा, 'बिजनेस और जिंदगी में गेम चेंजर बनने के लिए जोखिम उठाना पड़ता है क्योंकि रिस्क है तो इश्क (बिजनेस) है।' जीवन में दूसरों से सलाह लेने की बजाय अपना फैसला खुद लें, कई बार आपका विरोध भी होगा लेकिन जब आप सफल होंगे तो विरोध से ज्यादा आपकी सराहना होगी। व्यवसाय में आप कभी भी हर किसी को खुश नहीं कर सकते, हर किसी को खुश करने के लिए आपको एक सामाजिक कार्यकर्ता बनना होगा। व्यवसाय में ग्राहक की क्रय शक्ति क्या है? यह जानकर, आप उसे प्रीमियम वस्तु खरीदने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।'' 

जिस व्यवसाय में छूट दी जाती है वह हमेशा घाटे में जाता है। डिस्काउंट देने की बजाय ऐसा ऑफर दें, जिससे आपके बिजनेस की मार्केटिंग हो। ग्राहक के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने से व्यवसाय को हमेशा बढ़ने में मदद मिलती है। व्यवसाय के बारे में कुछ नया सीखने के लिए वर्ष में एक बार सात दिनों के लिए अनिवार्य रूप से बाहर जाना। जैसे ही आप अपने चारों ओर एक दूरदर्शी पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करे ऐसा डॉ. उज्जवल पाटनी ने कहा।

चेंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष विजय मेवावाला ने सत्र में उपस्थित सभी को धन्यवाद दिया। पूरे सत्र का संचालन चैंबर के ग्रुप चेयरमैन मृणाल शुक्ला ने किया। उद्यम विकास समिति के अध्यक्ष शैलेश देसाई ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। एसजीसीसीआई ग्लोबल कनेक्ट मिशन 84 के समन्वयक संजय पंजाबी ने वक्ता का परिचय दिया।

चैंबर के तत्कालीन पूर्व अध्यक्ष हिमांशु बोडावाला, मानद मंत्री निखिल मद्रासी, मानद कोषाध्यक्ष किरण थुम्मर, पूर्व अध्यक्ष महेन्द्र काजीवाला, भरत गांधी, दिलिप चश्मावाला, अरविंद कापडिया, रोहित महेता उपस्थित रहे। 

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